Rewari news: फसल बीमा योजना के बारे में किसानों को जागरूक करने के लिए चलाई गई जागरूता वैन

एसडीएम रविन्द्र कुमार यादव ने जागरूता वैन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
रेवाड़ी: सुनील चौहान। भारत सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना प्रदेश में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा चलाई जा रही हैं। इस योजना के तहत प्रथम क्लस्टर में राज्य के पंचकूला, कुरुक्षेत्र, कैथल, सिरसा, भिवानी, फरीदाबाद व रेवाड़ी जिलों को एग्रीकल्चर इन्श्योरेन्स कम्पनी आफ इंडिया लिमिटेड ( एआईसी) द्वारा कवर किया जायेगा।
एसडीएम रेवाडी रविन्द्र कुमार यादव ने आज प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में जिले के किसानों को जागरूक करने के लिए चलाई जा रही जागरूता वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते हुए कहा कि यह जागरूकता वैन 31 जुलाई तक जिले के सभी खण्डों के गांव- गांव जाकर किसानों को जानकारी प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि किसानों को जागरूक करने के लिए जागरूता वैन आज से 7 जुलाई तक रेवाड़ी खण्ड के गांवों, 8 जुलाई से 13 जुलाई तक खोल खण्ड के गांवों, 14 जुलाई से 19 जुलाई तक जाटूसाना खण्ड के गांवों, 20जुलाई से 25 जुलाई तक नाहड खण्ड के गांवों तथा 26 जुलाई से 31 जुलाई तक बावल खण्ड के गांवों में जाकर किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में जानकारी प्रदान करेगी।
उन्होंने बताया कि फसल बीमा करवाने के लिए अपने नजदीकी सीएससी पर 31 जुलाई तक यह कार्य पूरा कराया जाना है। उन्होंने बताया कि बीमित राशि प्रति एकड़ कपास के लिए 34650.02 धान के लिए 35699.78, बाजरे के लिए 16799.33 व मक्का के लिए 37849.89 रूपये निर्धारित की गई हैं तथा कृषक प्रीमियम कपास के लिए 1732.50, धान के लिए 714.00, बाजरे के लिए 335.99 व मक्का के लिए 357.00 रू.प्रति एकड़ निर्धारित किया गया है।
उपरोक्त प्रीमियम सब्सिडी के उपरान्त है तथा अधिसूचित ईकाई गाँव है। वित्तीय संस्थाओं व कृषकों के लिए मुख्य बिन्दु: सभी कृषकों की बीमा कवरेज भारत सरकार के पोर्टल https://pmfby.gov.in द्वारा ही स्वीकृत होगी। प्रीमियम राशि केवल एनआईसी पोर्टल के भुगतान गेटवे Pay-Gov. द्वारा ही भेजी जाए। सभी कृषकों का आधार नंबर होना अनिवार्य है।
योजना की विशेषतायें:– सरकार द्वारा इस योजना को सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक कर दिया गया है। जो ऋणी किसान योजना में शामिल नहीं होना चाहते, उन्हें अपना घोषणा पत्र ( Opt-out Form ) संबन्धित वित्तीय संस्थान में बीमा की अंतिम पंजीकरण तिथि से 7 दिन पहले तक अनिवार्य रूप से जमा करवाना होगा, अन्यथा वो स्वत: ही बैंक द्वारा बीमाकृत किये जायेंगे।
सभी अऋणी व Opted-out ऋणी किसान अपनी बैंक शाखा, जन सेवा केन्द्र या सीधा पोर्टल के माध्यम से फसल बीमा करवा सकते हैं। जो किसान मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के अंतर्गत धान फसल के स्थान पर कपास या मक्का उगाएंगे, उनके द्वारा जमा की गई फसल बीमा प्रीमियम राशि को हरियाणा सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली प्रोत्साहन राशि के भीतर वहन किया जाएगा।
इस मौके पर उपमण्डल कृषि अधिकारी दीपक कुमार, इंश्योरेंस कंपनी से राहुल कुमार, डा. देवेंद्र कुमार, डा. वीरपाल डा. सतीश व अजय कुमार भी उपस्थित रहे।

WhatsApp Group Join Now
Google News Join Now
Back to top button